ब्लैक होल क्या है ? | What is Black hole in hindi

ब्लैक होल अंतरिक्ष का एक ऐसा जगह है जहां गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है की कोई चीज इससे बच नहीं सकता , कोई भी बिदयुत चुंबकीय बिकिरण जैसे प्रकाश भी इससे बच नहीं पाता , यह अपने आस पास के सभी वस्तु और चीजों को अपने तरफ घिच लेता है । इस जगह पर कोई भी भौतिक नियम काम नहीं करता , यह एक अंधकार और शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण से भरा होता है । ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण शक्ति कल्पना से भी ऊपर है ।

ब्लैकहोल अपने तरफ हर एक चीज को अपने तरफ ले जाता है और उसे कभी भी लौटाता नहीं , यह एक काली अंधकार की तरह है । ब्लैकहोल अंतरिक्ष का एक रहस्यमय चीज है , जिसका साठीक तरह से कोई भी अन्वेषण नहीं किया जा सका है । ब्लैकहोल एक तारकीय द्रव्यमान है जो की बहोत सारे तारों के जीबनकाल खतम होने के बाद उनके अबसेश से बनता है और धीरे धीरे अपने आस पास के तारों को अपने तरफ आकर्षण कर के खुद को बढ़ाता रहता है । अपने आस पास के द्रव्यमान को अवशोषित कर के यह अपना आकार को बढ़ाता जा रहा है । बैज्ञानिकों के द्वारा यह भी बताया गया है की कई आकाशगंगा में ऐसे ह कई सारे ब्लैकहोल मौजूद है ।

ब्लैक होल का इतिहास –

पहली वार 1784 में अंग्रेजी खगोलीय अग्रणी और पद्री जॉन मिचेल ने अपने एक पत्रिका में संक्षिप्त में प्रकाशित किया था । उनकी उस पत्रिका में यह बर्णन किया गया था की ब्लैक होल में सूर्य के समान घनत्व हो सकता है , मिचेल ने अपने पत्रिका में ब्लैक होल को एक बड़ी काला तारा बताया था । उन्होंने बताया था की इस तरह के शक्तिशाली पिंड को उसके शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण से पहचाना जा सकता है ।

1915 में अल्बर्ट आइन्सटाइन ने इस ब्लैक होल के तथ्य में कुछ अपने सिद्धांतों से बदलाव किया और बताया की गुरुत्वाकर्षण प्रकाश के गति को प्रभावित करता है । कुछ ही महीनों बाद कार्ल श्वार्ज़स्चिल्ड आइन्सटाइन समीकरण क्षेत्र का एक हल निकाला जो एक बिन्दु द्रव्यमान और एक गोलाकार द्रव्यमान के गुरुत्वाकर्षण का ठीक से बर्णन किया । ऐसे ही कई सारे बैज्ञानिक कई सारे तथ्य ब्लैक होल के बारे में देने लगे ।

ब्लैक होल

ब्लैकहोल के गुण और संरचना –

ब्लैकहोल में कई सारे भौतिक गुण होते है , बैज्ञानिकों के अनुसार एक बार जब ब्लैकहोल बनने के बाद एक स्थिर स्थिति प्राप्त कर लेता है तो एक ब्लैकहोल में सिर्फ तीन गुण होते है , और वह है द्रव्यमान , विद्युत आवेश और कोणीय गति । आधुनिक बैज्ञानिकों के अनुसार ब्लैक होल के गुण और नियमों जिस हद तक सही है , वह वर्तमान में एक अनसुलझी समस्या है ।

जो भी गुण बैज्ञानिकों के द्वारा बताया गया है वह ब्लैक होल के बाहर से दिखाई देता है । एक ब्लैकहोल के गोले के अंदर का कुल द्रव्यमान ब्लैक होल से बहुत दूर गाँस के नियम के गुरुत्वाकर्षण एनालॉग का उपोयोग कर के पाया जा सकता है । इसी तरह कोणीय गति को गुरुत्वाकर्षण चुंबकीय क्षेत्र द्वारा फ्रेम ड्रैगिंग का उपोयोग कर के दूर से मापा जा सकता है ।

जब कोई भी वस्तु ब्लैक होल पर गिरता है , तो वस्तु के आकार या उस पर आवेश के बीतिरण के बारे में कोई भी जानकारी ब्लैक होल के क्षितिज के साथ समान रूप से वितरित की जाती है , और बहारी परयाबेक्सक के लिए खो जाती है । इस स्थिति में क्षितिज का व्यवहार एक बिघटनकारी प्रणाली है जो घर्षण और विद्युत प्रतिरोध झिल्ली प्रतिमान के साथ एक प्रवाहकीय खिंचाव झिल्ली के समान है ।

सबसे सरल स्थिर ब्लैक होल में द्रव्यमान होता है लेकिन ना तो विद्युत आवेश ना ही कोणीय गति ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!