भारत क्यों हवाई जहाज नहीं बनाता ( Why India can’t make aeroplanes )

आज आसमान में जो भी हवाई जहाज उड़ रही है उसे सिर्फ दो ही कंपनी बना रही है और वो है BOEING और AIRBUS जो की भारत से बाहर है । भारत में आज की टाइम में कोई भी हवाई जहाज बनाया नहीं जाता , पर भारत में 1980 से हवाई जहाज बनाने का काम सुरू होगया था और इसके बाद भी हमारा देश में आज तक कोई भी बड़ा हवाई जहाज बनाया नहीं जा सका ।

एसा बिल्कुल भी नहीं है की हमारा देश में रिसोर्सेज की कमी है या फिर टैलेंट की कमी है । भारत के बैज्ञानिक और डिजाइनर बहोत अच्छे हवाईजहाज बना सकते है पर यह पर बात आती है ऐवीऐशन मार्केट की जिसको की कठपुतली की तराह चलाया जाता है जहा पर कोई बाहर की कंपनी को एंट्री नहीं मिलता, और भारत भी उन्ही देशों में आता है जिसको की इस ऐवीऐशन मार्केट में एंट्री नहीं मिलता है । आज के टाइम पर BOEING और AIRBUS 99% मार्केट शेयर करते है ।

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BOEING और AIRBUS कंपनी का सफलता का इतिहास :-

BOEING और AIRBUS कंपनी का सफलता की पीछे बहोत बड़ी इतिहास जुड़ी हुई है । 1918 में BOEING की सुरुआत अमेरिका में हुई और यह एक बहोत बड़ी कंपनी के नाम से उभर चुकी थी । World war के द्वारान military aircraft , fighter jets , transportation craft BOEING बनाती थी और सरकार के लिए बहोत महत्वपूर्ण कंपनी बन कर काफी लंबी समय तक रही । जब द्वितीय बिश्वयुद्ध अपनी चरम पर पहुंचा तब BOEING सरकार के लिए एक पार्टनर के तरह बन गई जिसके बजह से उस टाइम पर सरकार ने $100 BILLION तक की फन्डिंग बोईंग कंपनी को दी जिसके तहत BOEING कंपनी बिश्वयुद्ध के लिए बहोत सारी जेट्स एर्क्रैफ्ट मोडेल बना के अमेरिका सरकार को उपलब्ध कराता था और द्वितीय बिश्वयुद्ध खतम होते होते BOEING और अमेरिकी सरकार का संपर्क इतनी बढ़ गई की सबको लगता था की BOEING कंपनी को अमेरिकी सरकार चला रहा है ।

इसी समय पर कई सारे छोटे बड़े AVIATION कंपनी इस इंडस्ट्री में devlope कर रहे थे । कई सारे युद्ध के लिए एयर क्राफ्ट और फाइटर जेट्स और कुछ इनोवैशन इन कॉम्पनिओ के द्वारा दिखाई दिया गया , पर BOEING जितना बड़ा बन गया था और जिस तरह से सरकार का सपोर्ट था उसकी बजह से कोई भी ऐवीऐशन कंपनी बोईंग कंपनी के सामने टिक नहीं पाता था । आखिर में जर्मनी , फ़्रांस और UK ने फैसला किया की अपनी छोटे छोटे ऐवीऐशन कंपनी को मिलाकर एक बड़ी और ताकतबर ऐवीऐशन कंपनी बनाएंगे . और इसी तरह AIRBUS कंपनी की सुरुआत हुई ।

आज की दिन में BOEING और AIRBUS ये दोनों कंपनी मोजूद ह जिनके सरकार के साथ स्ट्रॉंग रीलैशन है और इन कंपनी को बहोत ज्यादा मात्रा में पैसे और रिसोर्सेज इन कॉम्पनिओ को मिले है । इसी बजह से आज तक कोई भी कंपनी इनके सामने टिक नहीं पाया अगर कोई भी कंपनी कोई भी बड़े पैसेंजर जहाज बनाके इन दोनों कॉम्पनिओ को पछाड़ने की कोसिस की तो इन दोनों कंपनी उस नई कॉम्पनिओ को डूबा देते है , क्यों की हवाई जहाज बनाने के लिए बहोत सारे पैसों का लागत लगता है और कोई भी नई कंपनी इतनी सारे पैसे डुबाने को नहीं चाहता । BOEING और AIRBUS कंपनी सरकार को अपनी तरफ ही हमेस बनाके रखता है और सरकार के नियमों को बदलने का ताकत रखता है ताकि कोई भी लॉस इनकी कॉम्पनिओ को ना हो ।

भारत क्यो नहीं बनाता :-

भारत के पास सभी तरह के एर्क्रैफ्ट बनाने की कैपबिलटी है और कई बार भारत छोटे छोटे एर्क्रैफ्ट बना के बेच भी चुका है पर जब बात आती है बड़े पैसेंजर जहाज बनाने का तो भारत यह सब नहीं बनाता अगर भारत ये सब जिस दिन बनाने की कोसिस करेगा उस दिन भारत इन दोनों कंपनी BOEING और AIRBUS की टारगेट में या जाएगा और उनके rules और policy के बदोलत भारत भी नहीं टिक पाएगा ।

अगर भारत चाहे तो की सारे छोटे aircraft और छोटे पैसेंजर aircraft बना कर छोटे छोटे देशों में बेच सकता है पर आज की टाइम में भारत की जिस हिसाब से government policy है अगर भारत सरकार किसी भी कंपनी में पैसा invest करे तो सरकार पर कई सारे सवालों और मुसीबत का सामना करना पड़ेगा और उस सरकार की नाम खराप हो जाएगा , इसीलिए कोई भी सरकार अपना नाम खराप करना नहीं चाहेगा जिसकी बजह से आज की टाइम पर भारत कोई भी बड़े पैसेंजर हवाई जहाज नहीं बनाता ।

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